ये कहानी है एक ऐसी परंपराओं की जहाँ पर लड़कियों की ज़िन्दगी सिर्फ घर की चार दीवारी तक ही सीमित रहती है... ये कहानी है एक ऐसी परंपराओं की जहाँ पर लड़कियों की ज़िन्दगी सिर्फ घर की चार दीवारी...
भगवान के भरोसे मत बैठिये क्या पता भगवान हमरे भरोसे बैठा होअगर इंसान चाहे तो अकेले ही क्या कुछ नहीं ... भगवान के भरोसे मत बैठिये क्या पता भगवान हमरे भरोसे बैठा होअगर इंसान चाहे तो अके...
मेरी तरफ और पिताजी की तरफ देखते हुए वह हालात की गंभीरता को परखने की कोशिश करता है। इतने में तो मिता ... मेरी तरफ और पिताजी की तरफ देखते हुए वह हालात की गंभीरता को परखने की कोशिश करता ह...
हम लड़कों की एक हल्की आहट से, हल्के अंधेरों में औरतें खुद को महफूज़ नहीं समझती! हम लड़कों की एक हल्की आहट से, हल्के अंधेरों में औरतें खुद को महफूज़ नहीं समझती!
तो बस हमने भी आंदोलन करने की ठान ली कि सब्जियां नहीं सब्जी बिकेगी। तो बस हमने भी आंदोलन करने की ठान ली कि सब्जियां नहीं सब्जी बिकेगी।
एक तमाशा...। एक तमाशा...।